शिमला : लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकतंत्र की मज़बूती के लिए अनेक संकल्प और निर्णय लिए गए हैं, जो विधानसभाओं की कार्यप्रणाली में व्यापक परिवर्तन लाने में सहायक होंगे और लोकतंत्र की नयी यात्रा करेंगे। वह आज प्रदेश विधानसभा में पीठासीन अधिकारियों के 82वें सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग करके ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफॉर्म’ के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा और वर्श 2022 तक लक्ष्य बनाकर इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने संसदीय समितियों को और प्रभावी बनाने पर भी बल दिया तथा कहा कि पीठासीन अधिकारी साल में इनकी समीक्षा भी करें। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सार्थक चर्चा और जनता के प्रति जवाबदेह बनाना ही इस सम्मेलन का संकल्प होगा।
उन्होंने कहा कि सदन निर्बाध रूप से चले, इसके लिए अनुषासनहिनता को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवष्यकता है। उन्होंने हर राजनीतिक दलों में सह-अनुषासन लाने की आवयकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस दिषा में पीठासीन अधिकारियों का दायित्व ज्यादा है जो सदन में मर्यादा व प्रतिश्ठा बनाये रखने के लिए प्रयास करें। उन्होंने सदन में अधिक चर्चा पर बल देते हुए कहा कि वाद-विवाद से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों से आह्वाद किया कि नियम व प्रक्रिया बनाते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इनके मूल में जनता हो।