रामपुर : अंतरराष्ट्रीय लवी मेला गुरुवार को बिना उद्घाटन के शुरू हो गया। इस बार मेला सूक्ष्म तरीके से शुरू हुआ। मेले का न उद्घाटन हुआ और न ही समापन होगा। मेले पर बजट की मार पड़ गई है।
प्रदेश के सबसे बड़े व्यापारिक मेले में इस बार केवल स्थानीय कारोबारी ही अपने उत्पाद बेच पाएंगे। रामपुर के पाटबंगला मैदान में 14 नवंबर तक स्थानीय मार्केट सजेगी। यह मेला ड्राई फ्रूट, चिलगोजा, ऊनी शॉल पश्मीना, गुड़, गुम्मा नमक, मसालों और घोड़े-बकरियों की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है।
एक समय था जब यहां तिब्बत, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल से पैदल ही कारोबारी पहुंचते थे। हिमाचल समेत देश के विभिन्न राज्यों से कारोबारी यहां आते थे। ज्यादातर कारोबारी चीजों का आदान-प्रदान कर अपने देश में बेचते थे। इस बार कोरोना की मार के चलते विभागों ने बजट का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का स्तर घटा दिया है। विभागों ने प्रदर्शनियां भी नहीं लगाई हैं। मेले में बिजली व्यवस्था भी नहीं है।
इससे व्यापारियों को ठंड और अंधेरे में रात गुजारना मुश्किल होगा। इस बार ऐतिहासिक मेले में किन्नौर, शिमला और कुल्लू से व्यापारी पहुंचे हैं। एसडीएम यादविंद्र पॉल ने बताया कि लवी मेले में स्थानीय उत्पादों के ही स्टॉल लगाने की इजाजत दी है। प्रशासन व्यापारियों को हरसंभव मदद देगा कुछ विभागों को प्रदर्शनी लगाने के लिए कहा गया था, लेकिन बजट की समस्या सामने आई है।
उपयुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि इन दिनों शिमला जिले में कोरोना पॉजिटिव मामले अधिक आने से अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन करना संभव नहीं है। सूक्ष्म तरीके से मेला हो रहा है। मेले की पूरी व्यवस्था एसडीएम रामपुर देख रहे हैं।
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