मंडी : सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष केएस जम्वाल ने ऐलान किया कि सामान्य वर्ग के लोग प्रदेश भर में उपचुनाव के दौरान नोटा का बटन दबाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सामान्य वर्ग को हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के नाम पर हमेशा ठगा है, जिसे अब नहीं होने देंगे। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग का अभियान गांधीगिरी से चल रहा है, मगर हमारे राजनीतिक दलों के नेता गांधी की प्रतिमा पर माला तो चढ़ाते हैं, मगर उनके सिद्धांतों पर अमल नहीं कर रहे है।
सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि सामान्य वर्ग के युवाओं को आरक्षण के नाम पर प्रताडि़त किया जा रहा है। अब विरोध स्वरूप नोटा का उपयोग किया जाएगा, जिसके लिए घर-घर जाकर इस वर्ग के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग अपना समानता के मौलिक अधिकार की मांग कर रहा है, किसी का विरोध नहीं कर रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्य जातियों व संगठनों के आयोग गठित किए गए हैं, तो सामान्य वर्ग के लिए भी सवर्ण आयोग का गठन किया जाए। इस बारे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की गई है। उन्होंने आश्वासन दिया था कि तीन महीने में में सवर्ण आयोग का गठन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गुजरात, मध्यप्रदेश और बिहार में सवर्ण आयोग का गठन किया गया है। मगर हिमाचल प्रदेश में सरकार सामान्य वर्ग की अनदेखी कर रही है, जबकि सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलाकर 70 फीसदी वोट बैंक आने वाले समय में भाजपा से छिटक जाएगा। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के लिए कोई न कोई मंच, तो हो जहां पर अपनी बात कर सकें।
इसके लिए सवर्ण आयोग के गठन की मांग की गई। इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ और बैठकें भी हुई। लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग को 7 प्रतिशत बीपीएल का कोटा मिलता है। जिसे गायब कर सात प्रतिशत भी ईडब्ल्यूसी में शामिल कर 10 परसेंट कर दिया। उसी प्रकार हिमाचल में बाहरी राज्यों की भर्तियां हो रही है। एससी और एससी के लिए बोनाफाईड हिमाचली के बैरिकेड्स लगा दिया, लेकिन हमारे हक की नौकरी बाहरी राज्यों को नौकरी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट में रिलैक्सेशन दे कर कम से कम सुनवाई का मौका तो दिया जाए, जिस पर हर साल सरकार तीन से पांच करोड़ रुपए खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने ने ही हमारी मांगों को सुना और विधानसभा में मुद्दा उठाया, लेकिन न तो कांग्रेस ओर न ही भाजपा इसके प्रति गंभीर दिखती है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान गांवों में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता व नेता आएंगे तो उनसे सवाल पूछे जाएंगे। अब विरोध स्वरूप चुनाव में नोट का बटन दबाकर दोनों दलों को आईना दिखाया जाएगा।