हॉर्टिकल्चर एण्ड एनवायरमेंट सोसाइटी कोटगढ़ ने सी.एम. को लिखा पत्र
प्रदेश की आर्थिकी को किया मजबूत, स्वतंत्रता आंदोलन व सामाजिक क्षेत्र में भी दिया अहम योगदान
शिमला : हिमाचल प्रदेश में रिज मैदान पर नेताओं की प्रतिमा लगाने के लिए घमासान छिड़ा हुआ है। इस घमासान के बीच पूर्व सी.एम. स्व. वीरभद्र सिंह व ठाकुर रामलाल तथा अन्य नेताओं की प्रतिमा लगाने की मांग के बाद अब रिज मैदान पर हिमाचल में सेब की खेती के जनक व राज्य की आर्थिकी को मजबूत करने वाले सत्यानंद स्टोक्स (सैमुअल इवांस स्टोक्स) की प्रतिमा लगाने की आवाज उठने लगी है। इसको लेकर बागवानी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने रिज मैदान पर प्रतिमा लगाने की मांग उठाई है। साथ ही हॉर्टिकल्चर एंड एनवायरनमैंट सोसाइटी कोटगढ़ ने इसको लेकर सी.एम. सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा है।
सोसाइटी के सचिव एवं बागवान दीपक सिंघा की ओर से लिखे पत्र में तर्क दिया गया है कि प्रदेश में 5000 करोड़ की आर्थिकी को खड़ा करने में सत्यानंद स्टोक्स का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि सेब की प्रदेश की जी.डी.पी. में 13 फीसदी का योगदान है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के स्वतंत्रता संगा्रम में अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह मांग उन्होंने क्षेत्र के बागवानों तथा बागवानी संगठनों के साथ चर्चा के उपरांत यह पत्र लिखा है। उन्होंने सी.एम. से प्रदेश मंत्रिमडल की अगली बैठक में इसको लेकर निर्णय लेने की मांग की है। इसके अलावा बागवान आशुतोष चौहान, हरीष चौहान, ने भी सरकार से रिज पर प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने में अहम योगदान देने वाले सत्यानंद स्टोक्स की प्रतिमा लगाने की मांग की है। उनका कहना था कि सत्यानंद स्टोक्स ने जिला शिमला के ऊपरी क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य सेब उत्पादक क्षेत्रों का गरीबी से बाहर निकाला है। यदि वह सेब को हिमाचल में नहीं लाते तो सेब उत्पादक क्षेत्र के लोगों की हालत बहुत ही खराब होती। उनके इस योगदान को देखते हुए उनकी प्रतिमा पहले रिज मैदान पर लगाई जानी चाहिए। यादि रहे कि रिज मैदान पर पूर्व सी.एम. स्व. वीरभद्र व राम लाल ठाकुर के साथ-साथ पूर्व मंत्री स्व. सुखराम शर्मा की प्रतिमाह लगाने की मांग की गई है।
समाज सेवा व स्वतंत्रता आंदोलन में दिया अहम योगदान
सत्यानंद स्टोक्स केवल सेब की खेती शुरू करने के लिए ही नहीं जाने जाते हैं, बल्कि उन्होंने समाज सेवा व स्वतंत्रता आंदोलन में भी अपना अहम योगदान दिया है। वर्ष 1904 में वह मात्र 22 वर्ष की आयु में सबाथू स्थित कोढ़ी कॉलौनी में अपने माता-पिता का विरोध करने के बावजूद काम करने भारत आए। वर्ष 1912 में उन्होंने स्थानीय लडक़ी से शादि करने के उपरांत वह कोटगढ़ के थानेधार में बस गए। वर्ष 1916 में उन्होंने अमेरिका के फिलेडेल्फिया से सेब के कुछ पौधे और बीज मंगवाए व सेब की खेती शुरू की। सत्यानंद स्टोक्स का अन्य नेताओं के अलावा गांंधीजी से लगाव था। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में पंजाब से 2 सदस्य निर्वाचित थे, जिसमें एक लाला लाजपत राय व दूसरे सैमुएल स्टोक्स थे। आजादी के आंदोलन में वह जेल भी गए।
खर्चा हम उठाएंगे
बागवानों ने रिज पर प्रतिमा लगाने के लिए सरकार से केवल स्थान देने की मांग की है। उनका कहना था कि प्रतिमा लगाने का खर्चा बागवान स्वयं वहन करेंगे। इसके लिए वह स्वयं राशि एकत्र करेंगे।