शिमला : जादूगर सम्राट शंकर के साथ आज करीब 35-36 साल बाद शिमला के आशियाना रेस्टोरेंट में मिलना हुआ। वरिष्ठ पत्रकार विजय पुरी भी साथ थे। पुरी साहब कलम के जादूगर हैं। आप चाहें तो हमें भी जादूगर मान सकते हैं। पत्रकारिता में हमने भी कुछ कम “जादूगरी” नहीं दिखाई है।
शंकर भाई से पहले तब मिले थे जब प्रदेश में हिंदी के तीन ही अखबार आया करते थे। दो अखबार जालंधर से और एक चंडीगढ़ से। वीर प्रताप, पंजाब केसरी और दैनिक ट्रिब्यून। वीर प्रताप उन दिनों हिमाचल प्रदेश में नम्बर वन था और मैं वीर प्रताप का संवाददाता। उस दौर की मित्रता है।
बाद में पत्रकारिता की गहराई में मोती ढूंढने के मकसद से मैं दिल्ली, नोएडा, देहरादून, जालंधर, चंडीगढ़ बगैरा के कठिन बीहड़ों में भटकता रहा। यही वजह रही कि बीच में जब कभी जादू के कुशल चितेरे, जादूगर शंकर शिमला आए तो मुलाकात न हो सकी। आज मिले तो दिल गदगद हो गया।
73 के हो जाने के बावजूद अब भी जवान बने हुए हैं। फाइन आर्ट के इस अदभुत पुजारी को ईश्वर दीर्घायु दें।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जादूगर सम्राट शंकर ने कोरोना-काल में कहा था कि मैं जादू से हाथी गायब कर सकता हूं, कार गायब कर सकता हूं लेकिन कोरोना गायब नहीं कर सकता। स्पष्ट और सीधा संदेश यह था कि जादू कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक विशुद्ध कला है।
हैरतंगेज और रहस्यमई जादू से शंकर सम्राट अपने शो में चौंका देने वाले जादू दिखाते हैं। मसलन, महिला को हवा में उड़ा देना, 12 फुट तक जादूगर का हवा में उड़ना, हाथ मिलाते समय अचानक दूसरे के हाथ में हथकड़ी पहना देना, छह फुट व्यक्ति को बौना बना देना, जीवित लड़की को दो टुकड़ों में काटकर दोबारा जोड़ देना, आंखों पर पट्टी बांधकर भीड़ भरी सड़कों पर बाइक सरपट दौड़ाना बगैरा जादू के खेल इनके लिए मामूली हैं।
जादूगर शंकर सम्राट करीब पच्चास वर्षों से 28 हजार से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शो कर चुके हैं। इनमें से करीब 23 हजार शो परोपकार (चैरिटी) के लिए किए हैं। जादू में अहम योगदान के लिए शंकर जादूगर सम्राट का नाम गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है।
जादू की दुनिया के महान खिलाड़ी शंकर कहते हैं कि प्राचीन जादू कला धीरे धीरे लुप्त होती जा रही है। 140 करोड़ के देश में आज एक दर्जन बड़े जादूगर भी बचे नहीं है। उनका कहना है कि इस अदभुत कला को बचाए रखने के प्रयास सरकारी स्तर पर होने चाहिएं। देश में संगीत, नृत्य और ललित कला अकादमियों की तरह जादू कला अकादमी भी बननी चाहिए।
जादूगर सम्राट का कहना है कि जादू एक फाइन आर्ट है। यह न तो कोई जादू टोना है ना तंत्र मंत्र या कोई चमत्कार है। केवल हाथों की करामातें हैं। 70 फीसदी जादू ट्रिक्स और 30 फीसदी हिप्नोटाइज कला के जरिए किया जाता है। जादू अंधविश्वासों का दुश्मन है।
कल, सोमवार से रिज स्थित गियेटी थियेटर में जादूगर सम्राट शंकर के रोजाना दो शो देखने को मिलेंगे। एक दोपहर साढ़े बारह बजे और दूसरा शाम को साढ़े छह बजे।
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