शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की परीक्षा और परिणाम के ऑनलाइन सिस्टम में सबसे बड़ी खामी सामने आई है। रिजल्ट घोषित होने से पहले ही छात्रों ने फाइनल ईयर का रिजल्ट कार्ड एक एप्लिकेशन के माध्यम से डाऊनलोड कर लिया। इसने विश्वविद्यालय की परीक्षा और परिणाम की गोपनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
सामने आया है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के स्नातक डिग्री कोर्स के फाइनल ईयर के रिजल्ट घोषित होने से पहले ही एक एप्लीकेशन के माध्यम से छात्रों ने अंतिम वर्ष का रिजल्ट कार्ड डाउनलोड कर लिया गया। सामने आया है कि एक ऑनलाइन फाइल डाउनलोड करने वाली एप्लीकेशन के माध्यम से जैसे ही अपना लॉगइन आईडी डाला, उसे द्वितीय वर्ष का रिजल्ट कार्ड मिल गया, फिर छात्र को एक लिंक मिला, उसके माध्यम से एक विंडो खुलने पर उससे ईयर की ऑप्शन मांगी गई। छात्र के 0003 भरने पर उसका तृतीय वर्ष की परीक्षा का पूरा रिजल्ट कार्ड सामने आ गया, जिसे छात्रों ने डाउनलोड कर लिया।
यह विवि के ऑनलाइन सिस्टम की सबसे बड़ी खामी है। विश्विद्यालय के छात्र संगठन भी लगातार ऑनलाइन सिस्टम की खामियों को उठाते रहे हैं तथा वह इस मामले को लेकर प्रशासन को घेरते भी रहे हैं।
इस बीच विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर छानबीन की है, जिसमें बताया गया कि रिजल्ट के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। रिजल्ट कार्ड डाऊनलोड होने के पीछे सिस्टम में डाटा सुरक्षित रखने के लिए सॉफ्टवेयर में कोई व्यवस्था न होना माना जा रहा है। उधर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक जेएस नेगी का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी छानबीन कर रहा हैं। अभी टेंपरिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है।
उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विवि इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि यह विवि के लाखों छात्रों के रिकॉर्ड और विवि के परीक्षा संबंधित रिकॉर्ड की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व रिजल्ट की टेस्टिंग के नाम पर गलत नतीजे ऑनलाइन भी मिलते रहे हैं। उन्होंने विवि प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने और खामी दूर करने की मांग उठाई।