शिमला : शिमला नागरिक सभा की टूटू इकाई ने टूटू क्षेत्र में सात दिन बाद पीने के पानी की आपूर्ति पर कड़ा रोष ज़ाहिर किया है। नागरिक सभा ने टूटू में हर दिन पानी की आपूर्ति करने की मांग की है। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर पानी की सही व हर रोज़ आपूर्ति न की गयी तो नागरिक सभा कार्यकर्ता आंदोलन पर उतर जाएंगे।
नागरिक सभा नेता विजेंद्र मेहरा,हेमराज चौधरी,रजनी देवी,सौरभ कौंडल,राकेश कुमार,सुरजीत सिंह,मलकीयत सिंह,टेक चंद,संदीप वर्मा,विवेक कुमार,अनिल कुमार,संजीव कुमार,दीपक कुमार,कुंदन सिंह व रीता देवी आदि ने कहा है कि टूटू क्षेत्र व शिमला शहर की जनता पिछले काफी दिनों से पीने के पानी की भारी दिक्कत झेल रही है। जनता को पानी की आपूर्ति सात दिन बाद की जा रही है। यह आपूर्ति भी बेहद कम है। पानी की सप्लाई इतनी कम है कि सात दिन के बाद भी कई घरों में पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं हो पा रही है। इस से जनता काफी परेशानी में है। जनता पानी के लिए तड़प रही है। उन्होंने कहा कि जब जनता पूरे महीने का पानी का बिल दे रही है तो लोगों को हर दिन पानी की आपूर्ति क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड बनाकर जनता को हर दिन चौबीस घण्टे पानी देने की डींगें हांकने वाला नगर निगम शिमला टूटू क्षेत्र की जनता को कई-कई दिनों तक पानी मुहैया नहीं करवा पा रहा है। जल शक्ति विभाग की ओर से भी पानी की सप्लाई सात दिन के बाद ही दी जा रही है। सात दिन बाद भी जलशक्ति विभाग पानी की बहुत कम आपूर्ति कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम व जल शक्ति विभाग की पानी की सप्लाई राम भरोसे है। नगर निगम व जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली की पोल पूरी तरह खुल चुकी है। शिमला शहर में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। पूरा वर्ष भर लोग पानी की किल्लत झेलने को मजबूर हैं। हर मौसम में पानी की कमी के लिए नगर निगम,एसजेपीएनएल व जल शक्ति विभाग के पास अनोखे तर्क हैं। गर्मियों में पानी की कमी,सर्दियों में पाइपों में पानी जमने व बरसात में गाद का तर्क देकर पानी की कमी को जस्टिफाई किया जाता है व जनता को प्यासे रहने को मजबूर किया जाता है। यह सब जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। अगर ऐसी ही स्मार्ट सिटी प्रदेश सरकार बनाना चाहती है तो शिमला की जनता को ऐसी स्मार्ट सिटी कतई मंज़ूर नहीं है।
नगर निगम के पास आज भी उचित मात्रा में पानी की आपूर्ति हो रही है तो फिर टूटू व शिमला शहर के सभी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति समयबद्ध क्यों नहीं हो रही है। जब शहर को 30 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती थी तब भी शिमला शहर की जनता को हर रोज़ पानी की आपूर्ति हो जाती थी लेकिन पानी की मात्रा बढ़ने के बावजूद भी जनता को सात दिन बाद पानी मिल रहा है। इस से नगर निगम द्वारा पानी की आपूर्ति का कुप्रबंधन साफ नज़र आ रहा है। नगर निगम शिमला,जल शक्ति विभाग,शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड कंपनी में तालमेल की कमी भी साफ नज़र आ रही है। नगर निगम व जलशक्ति विभाग के पास पानी की आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था न होना नगर निगम की लचर व अव्यवस्थित कार्यप्रणाली को दर्शाता है। चौबीस घण्टे सातों दिन पानी की आपूर्ति करने व कोल डैम से पानी लिफ्ट करने के सपने दिखाने वाले नगर निगम शिमला की हकीकत जनता के सामने है। जलशक्ति विभाग भी टूटू में कई दिनों के बाद पानी की आपूर्ति कर रहा है जिस से जनता काफी परेशानी में है। नागरिक सभा ने चेताया है कि अगर पीने के पानी की व्यवस्था दुरुस्त न हुई तो नागरिक सभा आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगी।