शिमला : आज से लगभग दो वर्ष पूर्व भारत के प्रत्येक राज्य में एक ऐसी बीमारी ने अपना कहर बरपाया जिसकी शायद किसी ने इस भयानक मंजर की कल्पना भी नहीं की होगी I कोविड नाम की इस बीमारी ने ना सरकारों को संभलने का समय दिया और ना ही आम व्यक्ति को I जब तक इसके बारे में सोचते यह समझते तब तक इसने लगभग देश की आधी आबादी को अपने पंजे में जकड़ लिया I प्रत्येक इंसान इसके आगे बेबस था, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें I कोविड ने ऐसी दहशत फैलाई कि अपनों को अपनों से दूर कर दिया , दूर ही नहीं किया बल्कि एक ऐसी खाई पैदा कर दी जिस खाई को पार करना कठिन काम बन गया I कोविड के प्रारंभिक दौर में ऐसा समय भी आया कि हम अपनों का साथ अंतिम समय में भी नहीं निभा पाए I इस बीमारी के आगे सभी लाचार व बेबस लग रहे थे Iचारों ओर इस कोविड महामारी की हाहाकार थी I बच्चों ,नौजवानों से लेकर बूढ़ों तक सभी लाचार थे Iयहां तक की पशु पक्षी व अन्य बेजुबान जानवरों तक लाचार व असहाय दिखाई दे रहे थे I परंतु विपदा की इस घड़ी में कुछ लोगों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर जैसे कैसे इनकी सहायता की और मुसीबत की घड़ी से इनको बाहर निकाला Iविपदा की इस घड़ी में लोगों से सब कुछ छिन गया Iगरीब, मजदूर व दिहाड़ी दार अन्न के दाने तक के लिए लाचार दिखाई दिए और मासूम बच्चों संग इनको भूखे रहने तक की नौबत आ गई I परंतु भारत सरकार व राज्य सरकारें मुसीबत की इस घड़ी में लोगों के साथ दीवार बनकर खड़ी हुई I लोगों को इस अवधि में फ्री में राशन देने की पहल की I प्रत्येक गरीब परिवार मजदूर व दिहाड़ीदार तक को फ्री में राशन घर द्वार तक पहुंचाया गया I कोविड-19 ने प्रत्येक विकसित व विकासशील देश की अर्थव्यवस्था को निचोड़ कर रख दिया I अमेरिका, रूस के अलावा और भी बड़े-बड़े देश इस बीमारी के आगे लाचार व बेबस दिखाई दिए I पूर्ण लॉकडाउन लगने के उपरांत देश की दशा और भी खराब हो गई परंतु तारीफ करनी होगी भारत सरकार की जिस देश के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी की जिन्होंने बड़े संयम सेऔर अपनी सूझबूझ से इतनी बड़ी आबादी वाले देश में इस बीमारी पर काबू पाने में अन्य विकसित देशों से पहले सफलता प्राप्त की I यही नहीं भारत के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का टीका बहुत कम समय में तैयार कर एक और मील का पत्थर स्थापित कर दिया I कोविड का टीका कोवेक्सिन तथा कोवीशिल्ड दूसरे देशों से पहले तैयार कर और विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता लेकर आम जनता को फ्री उपलब्ध करवाया I यह सफर यहीं नहीं रुका न अन्य देशों को भी यह दोनों टीके फ्री में उपलब्ध करवाए गए I भारत सरकार की इसे बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है I इस विपदा की घड़ी में सभी देशों की निगाहें केवल और केवल भारत सरकार पर ही टिकी हुई थी I कोविड टीके के साथ-साथ जीवनदायिनी ऑक्सीजन के लिए भी दूसरे देश भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे थे I बड़े-बड़े देश जो विकसित और विकासशील थे इस बीमारी से लाचार व असहाय दिखाई दे रहे थेI हमारी भारत सरकार ने दरियादिली का परिचय देते हुए विश्व के सभी देशों को आगे हाथ बढ़ते हुए टीके प्रदान किए ताकि इस विपदा की घड़ी से पार पाया जा सके I भारत वर्ष ने लगभग सभी देशों को फ्री में कोविड-19 का टीका व दवाइयां तथा ऑक्सीजन कंटेनर उपलब्ध करवाए और वहां के लोगों को एक नया जीवन प्रदान कियाI कोविड-19 बीमारी की रोकथाम में भारत व भारत सरकार की पहल इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा जिसे आने वाले समय में भारत के लोगों के साथ दूसरे देशों के लोग भी जिन को नया जीवन मिला है जीवन पर्यंत याद रखेंगे I
हर एक दिन लगता था डरावना मंजर ,
निकलता गया इसी तरह कठिन समय का सफर II
लगता था आज नहीं तो कल मौत देगी दरवाजे पर दस्तक,
आखिरकार लड़ाई लड़ी कोविड-19 की मरते दमतक II
प्रबल हुई तब इच्छा मरते हुए इंसान की,
को- वैक्सीन से दम घुटती गई नब्ज़ कोविड की II
अंत में हुई जीत कोविड-19 में उत्साह व उमंग की,
उत्साह व उमंग की II
भारत सरकार व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करके प्रत्येक भारतीय ने अपना सहयोग दिया और इस महामारी पर नियंत्रण पाया I भविष्य में भी हम सभी को उन सभी नियमों की पालना कर के जैसे – मास्क का उपयोग , दो गज की दूरी , सैनिटाइजर का इस्तेमाल व बार-बार हाथ धोना जैसे सहयोग सुनिश्चित करना होगा ताकि हमारा भारत खुशहाल बने।
लेखक : सुभाष चंद सोनी , शारीरिक शिक्षक, राजकीय मध्यमिक पाठशाला हरिनगर।