शिमला : हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। मंगलवार को ओक ओवर में प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह जानकारी दी। कहा कि सरकार ने पुलिस पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है। जहां तक पुलिस की संलिप्तता की बात है तो इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। सीबीआई की जांच से ही सारी बातें सामने आएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक की आशंका को देखते हुए सरकार ने तुरंत एसआईटी का गठन किया था और लिखित परीक्षा को रद्द किया गया। मामले में अब तक करीब 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि 8.49 लाख नकदी भी एजेंट से मिली। मूल प्रमाणपत्र, एक कार, 15 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी कब्जे में लिया है। सीएम ने कहा कि जांच में बहुत से तथ्य सामने आए हैं। सही मायने में पेपर लीक हुआ था। पिछले कल यूपी में संभावित मुख्य या दूसरे नंबर के आरोपी शिव बहादुर सिंह और बिहार से अमन सिंह को गिरफ्तार किया गया है। मामले में बहुत से गिरफ्तार लोग अभ्यर्थी भी हैं और एजेंट भी। दो उम्मीदवारों के पिता भी इसमें शामिल हैं। पहले यह राज्य का मामला लग रहा था लेकिन 10 आरोपी दूसरे राज्य के निकले हैं। एक विषय यह भी आ रहा था कि भर्ती पुलिस विभाग की है और जांच के लिए एसआईटी भी पुलिस के अधिकारियों की गठित की गई है। ऐसे में इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। दूसरा जब इसका दायरा दूसरे राज्यों तक चला गया है तो इसकी जांच निष्पक्ष तरीके से करवाने के लिए मामला सीबीआई को सौंपा गया है। जब तक सीबीआई काम शुरू नहीं करती तब तक एसआईटी जांच की प्रक्रिया जारी रखेगी।
सामने आया है कि तीन अभ्यर्थियों ने परीक्षा में 90 में से 70 मार्क्स हासिल किए। जब इनके दस्तावेज जांचे गए तो 10वीं और 12वीं कक्षा में इनके एवरेज मार्क्स थे। इस पर शक हुआ तो पुलिस ने तीनों से पूछताछ की. सख्ती से पूछताछ के दौरान तीनों युवक टूट गये और सारी कहानी उगल दी. पूछताछ में पता चला है कि 7 से 8 लाख रुपये देकर पहले ही पेपर लीक किए गए थे. पुलिस को जिस प्रिंटिंग प्रेस में पेपर की छपाई हुई है।, वहां से पर्चों के लीक होने की आशंका है. साथ ही पेपर लीक गिरोह के तार दिल्ली और हरियाणा से जुड़े हो सकते हैं।
पुलिस कांस्टेबलों के 1,334 पदों की भर्ती के लिए 27 मार्च को लिखित परीक्षा हुई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित हुआ। प्रदेश भर में 81 परीक्षा केंद्रों में पेपर हुआ था। पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परीक्षा रद्द कर दी थी।