शिमला: सद्भावना स्वरुप और एक अभिनव आउटरीच कार्यक्रम के रूप में आज एसजेवीएन द्वारा कारपोरेट मुख्यालय शिमला में सौहार्द 3.0 के रूप में तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नन्द लाल शर्मा ने एसजेवीएन में विभिन्न ठेकेदारों द्वारा तैनात कम आय वाले आउटसोर्स श्रमिकों को एसजेवीएन कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से प्रदान किए गए स्मृति चिन्हों और वस्तुओं को वितरित करके सौहार्द कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
एसजेवीएन के दूरदर्शी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा की लीक से हटकर पहल के रूप में समाज के जरुरतमंद वर्ग तक पहुंचने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में अभिनव अवधारणा – माई सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (एमएसआर) को आरंभ किया था। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए, नन्द लाल शर्मा ने कहा, “माई सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, आर्थिक विकास और समाज के ज़रूरतमंद वर्ग के कल्याण के बीच संतुलन बनाने में योगदान करने का हमारा एक कल्याणकारी प्रयास है। यह हमारा व्यक्तिगत सामाजिक उत्तरदायित्व है कि हम कम सुविधाओं से युक्त लोगों को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करें।“
शर्मा ने आगे कहा, “विरासत को जारी रखते हुए, एसजेवीएन के 204 कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से 372 से अधिक स्मृति चिन्ह दान किए गए। इन स्मृति चिन्हों को एकत्रित करके कारपोरेट मुख्यालय, शिमला में विभिन्न ठेकेदारों द्वारा तैनात 230 श्रमिकों के मध्य वितरित किया गया।‘’
इस अवसर पर गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एस.पी. बंसल निदेशक (सिविल), ए.के. सिंह निदेशक (वित्त) और सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत) भी एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित उपस्थित रहे।
माई सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत, दिसंबर 2019 में सौहार्द 1.0 के रुप में प्रथम संस्करण का आयोजन किया गया था। इसमें नन्द लाल शर्मा ने विभिन्न एजेंसियों, संगठनों और समूहों से विभिन्न अवसरों और समारोहों में प्राप्त 140 से अधिक स्मृति चिन्ह और उपहार दान किए। कार्यक्रम के दौरान, शर्मा ने कर्मचारियों से एमएसआर को अपने जीवन का हिस्सा बनाने और स्वेच्छा से इस कार्य में योगदान करने का आह्वाहन किया। उनके इस निस्वार्थ भाव से प्रेरित हो कर जुलाई, 2020 में सौहार्द 2.0 के रूप में दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया। इसमें कर्मचारियों द्वारा 200 से अधिक स्मृति चिन्ह स्वेच्छा से दान किए गए और इन्हें जरूरतमंद लोगों के बीच वितरित किया गया। इसी प्रकार , एसजेवीएन की अन्य परियोजनाओं और इकाइयों ने भी एमएसआर को अपनाया है और आस-पास के ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए परियोजनाओं में सौहार्द का आयोजन किया है।
एसजेवीएन ने एकल राज्य में एकल परियोजना संचालन के साथ शुरुआत की और आज विभिन्न राज्यों में विद्युत परियोजनाओं का निष्पादन कर रहा है। साथ ही पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में परियोजनाओं को कार्यान्वित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है। हाइड्रो, थर्मल, सौर और पवन ऊर्जा में कंपनी का कुल पोर्टफोलियो 16900 मेगावाट से अधिक है। एसजेवीएन ने पावर जनरेशन, ट्रांसमिशन और ट्रेडिंग शीर्षों में भी प्रवेश किया है। हाल ही में कई नई परियोजनाएं हासिल करने के साथ एसजेवीएन नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। भारत सरकार द्वारा सभी को 24X7 विद्युत् आपूर्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप, एसजेवीएन एक तीव्र विकास पथ पर है जो 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साझा विजन को साकार करने की ओर अग्रसर है।