भले ही पैरालिंपिक खिलाड़ी किसी न किसी रूप से दिव्यांग थे, लेकिन उनके हौसले के आगे हर चट्टान चकनाचूर हो गई है
शिमला : भाजपा प्रदेश प्रभारी एवं भारतिय पैरालिंपिक संघ के चीफ पैट्रन अविनाश राय खन्ना ने दिल्ली में पैरालिंपिक के खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा टोक्यो ओलिंपिक के बाद टोक्यो में हुए पैरालिंपिक खेलों का समापन हो गया है। जिस तरह ओलिंपिक खेलों में भारत ने दमदार प्रदर्शन किया था। उससे कहीं ज्यादा भारत के पैरा एथलीटों ने पैरालिंपिक खेलों में प्रदर्शन किया है, क्योंकि पैरालिंपिक खेलों के इतिहास में भारत ने इन पैरालिपंकि खेलों से पहले इतने पदक नहीं जीते थे, जबकि इस बार के खेलों में पैरालिंपिक के इतिहास में मिले कुल पदकों से भी ज्यादा पदक जीत लिए हैं।
उन्होंने कहा की भारत को इस बार पैरालिंपिक खेलों में 19 पदक मिले जिससे देश का नाम विश्व पटल पर रोशन हुआ। भले ही पैरालिंपिक खिलाड़ी किसी न किसी रूप से दिव्यांग थे, लेकिन उनके हौसले के आगे हर चट्टान चकनाचूर हो गई है।
उन्होंने कहा कि भारत टोक्यो पैरालिंपिक में पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक के साथ कुल 19 पदकों जीतने में सफल हुआ है। यह पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। 2016 के रियो पैरालिंपिक खेलों में भारत ने चार पदक जीते थे, लेकिन इसके करीब पांच गुने पदक भारतीय खिलाड़ियों ने जीते हैं।
टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में भारत के दो एथलीट ऐसे रहे हैं, जिन्होंने दो-दो पदक अपने नाम किए हैं। इनमें शूटर अवनि लेखरा है, जिन्होंने निशानेबाजी की अलग-अलग प्रतियोगिताओं में गोल्ड और ब्रांज मेडल जीता है, जबकि पुरुष निशानेबाज सिंघराज अधाना ने भी दो पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें एक सिल्वर मेडल और एक ब्रांज मेडल शामिल है। अवनि के अलावा सुमित अंतिल, मनीष नरवाल, प्रमोद भगत और कृष्णा नगर ने गोल्ड मेडल जीता है।
पैरा एथलीट निषाद कुमार जो कि हिमाचल से है उन्होंने पुरुषों के हाई जंप के मुकाबले में रजत पदक जीता ।
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