शिमला : देवभूमि हिमाचल में वन माफिया भी पूरी तरह से सक्रिय है। वहीं वन विभाग के लगातार इनपर कार्रवाई करने के बावजूद भी इनके हौसले बुलंद हैं। गत रात व आज तड़के दो अलग अलग स्थानों पर देवदार के 15 नग व बालन के 52 नग बरामद किए हैं।
जानकारी के अनुसार चौपाल में वन रक्षक ने पुलिस को सूचना दी कि एक वाहन शिलाकायन से आ रहा है, जिसमें लकड़ियों की तस्करी हो रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने नाका लगाया व आज तड़के करीब 3.05 बजे खैल सड़क पर एक वाहन बोलेरो नं. एचपी- 63 सी-0738 को रोका, जिससे देवदार के 15 नग बरामद किए। इस वाहन में रमेश पुत्र मन बहादुर C/O गीता राम मांटा वीपीओ झिकनीपुल तहसील चौपाल, राजू पुत्र लाल बहादुर C/O सनी चौहान गांव बेलग पीओ झिकनीपुल तहसील चौपाल, हरि बहादुर पुत्र कांशीराम C/O आशीष गांव झालास पीओ झिकनीपुल तहसील चौपाल और खडग पुत्र मनु C/O महेंद्र सिन्ह वीपीओ झिकनीपुल तहसील चौपाल बैठे थे। ये सभी देवदार के इन नगों को लेकर पुलिस को कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 379 व 34, आईएफ एक्ट की धारा 41 व 42 तथा एमवी एक्ट की धारा 192,196 व 181 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच एएसआई चमन लाल कर रहे हैं।
दूसरा मामला ननखड़ी का है। यहां पर फॉरेस्ट गार्ड संजय कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि 25 दिसम्बर की शाम लगभग 7.30 बजे, जब वह चौकीदार करम दास के साथ ननखड़ी बीट वन डी-18 पुनान सी-3 में गश्त ड्यूटी पर थे और टूटुपानी पहुंचे तथा उन्होंने टूटूपानी से आ रहे एक वाहन नंबर एचपी 92-1085 अशोक लेलैंड (टेम्पो) को चेकिंग के लिए रोका गया तो वाहन में खर्शु (बालन) यानी जलाने वाली लकड़ी के 52 नग मिले। वाहन को विपिन मेहता पुत्र शिव लाल ग्राम चडी पीओ और तहसील ननखड़ी जिला शिमला चला रहा था। पुलिस ने आईपीसी की धारा 379 तथा आईएफ एक्ट की धारा 41 व 42 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच एएसआई विद्या सागर कर रही है।
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