हमीरपुर : फिजूल खर्ची रोकने के लिए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने सरकार को नसीहत दी है। प्रो. धूमल ने कहा कि बचत बढ़ाने और फिजूलखर्ची रोकने के लिए सबसे पहले सरकार को खुद से शुरुआत करनी होती है। रविवार को अपने निवास स्थान पर उनसे मिलने पहुंचे कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल में फिजूलखर्ची रोकने और बचत बढ़ाने को लिए गए निर्णय कार्यकर्ताओं के साथ साझा करते हुए कहा कि अपने कार्यकाल में सभी मंत्रियों सहित बतौर मुख्यमंत्री खुद हाउस रेंट की 10 फीसदी राशि किराया स्वरूप देना शुरू किया था।
मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री के बाहरी राज्यों में गाड़ियों पर जाने से पर प्रतिबंध लगाया था। सबको ट्रेन से यात्रा करने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री ने स्वयं द्वितीय श्रेणी में यात्रा करना शुरू किया था। उससे पहले मुख्यमंत्री जिस जिले में भी जाते थे, वहां के अधिकारी, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक स्वागत के लिए जिले के प्रवेश द्वार पर खड़े होते थे और दूसरे जिले की सीमा तक छोड़ कर आते थे। यह प्रथा बंद की गई।
सीएम टूर पर जाने के समय डीसी एसपी और अन्य अधिकारियों को आदेश दिए गए थे कि जिस भी अधिकारी की जरूरत पड़ेगी, उसी को बुलाया जाएगा। बाकी अपने अपने कार्यालय में जरूरी काम निपटाएं। कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई प्रयोजनों को बंद किया। राजनीतिक कार्यक्रम में कई बार संख्या बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को लाया जाता था, इस प्रथा को भी बंद किया गया।
वीआईपी के स्वागत के लिए बच्चों को खड़ा कर दिया जाता था, इस प्रथा को भी बंद किया गया। शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिक सामाजिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई गई। राष्ट्रीय और प्रादेशिक कार्यक्रमों को शहरों के स्थान पर गांव में करने को प्राथमिकता दी गई। बोर्ड-निगमों में अध्यक्षों व उपाध्यक्षों की संख्या में भी कमी की गई।
सचिवालय में उपयोग किए जा चुके कागज को रीसाइकल कर बनी फाइलों को उपयोग में लाना शुरू किया था। प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाकर नालियों और पर्यावरण को खराब करने पर प्रतिबंध लगाया गया। स्थानीय पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से उपयोग किये जा चुके बेकार प्लास्टिक को खरीदा गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ठान लेने से ही जीत हासिल होती है। जब हमने ठाना था तो निर्धारित लक्ष्य को हासिल भी किया था।