शिमला : हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है।
हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य ने नाम लिए बिना सीएम सुखविंदर सुक्खू पर अपमानित करने का आरोप लगाया और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
विक्रमादित्य ने कहा कि मुझे अपमानित किया गया। विधायकों को नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा कल दिखाई दिया। अब गेंद आलाकमान के पाले में है।”
क्रॉस वोटिंग करने वाले एक विधायक राजेंद्र राणा ने कांग्रेस हाईकमान से सुक्खू को CM पद से हटाने की मांग की है। कहा है कि अगर ऐसा होता है तो वे वापस आ सकते हैं।
इस बीच विधानसभा स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को सदन से निष्कासित कर दिया है। इनमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी शामिल हैं। जयराम ठाकुर बुधवार सुबह गवर्नर से मिले और फ्लोर टेस्ट की मांग की थी।
सदन से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनकराम, बलवीर वर्मा, त्रिलोक जमवाल, सुरेंद्र शौरी, दीप राज, पूर्ण चंद, इंद्र सिंह गांधी, दलीप सिंह और रणधीर शर्मा समेत 15 भाजपा विधायक सदन की कार्यवाही से निष्कासित किए गए हैं। लेकिन निष्कासित किए जाने के बावजूद भी विधायक सदन में ही बैठे रहे। बाहर नहीं गए।
संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सदन को इन हालात में चलाया जाना संभव नहीं है। सदन से हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उनके साथ धक्कामुक्की की गई। शोर-शराबे और हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस के विधायक भी सदन से बाहर चले गए हैं।
इन्हें किया निष्कासित: