शिमला : नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत कराया कि एसजेवीएन ने अपनी
90 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर और 100 मेगावाट राघनसेडा सौर परियोजनाओं की फंडिंग हेतु जापान
बैंक फॉर इंटरनेशनल को-ऑपरेशन (जेबीआईसी) से 915 करोड़ रुपए (15 बिलियन जापानी येन) की ग्रीन फंडिंग
हासिल की है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे बताया कि एसजेवीएन और जेबीआईसी ने आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण
(ग्रीन) कार्यक्रम के समाधान के लिए ग्लोबल एक्शन के अंतर्गत वर्चुअल रूप से ‘फैसिलिटी एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर
किए। जापानी प्राईवेट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स के साथ 915 करोड़ रुपए के इस ऋण को जेबीआईसी को-फाइनेंस
कर रहा है। ऋण का उद्देश्य मध्य प्रदेश में 90-मेगावाट ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना तथा गुजरात में 100-
मेगावाट राघनसेडा सौर ऊर्जा परियोजना का वित्त पोषण करना है, जिसकी संयुक्त अनुमानित लागत 1,288.35 करोड़
रुपए है। जबकि व्यवस्थित ऋण का 60 प्रतिशत स्वयं जेबीआईसी द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा, शेष राशि जापान के
वाणिज्यिक बैंकों अर्थात एमयूएफजी बैंक और सैन-इन गोडो बैंक से आएगी।
अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन और नाओ कावाकामी, महानिदेशक, न्यू एनर्जी एंड
पावर फाइनेंस डिपार्टमेंट II, जेबीआईसी द्वारा वर्चुअली रूप से ‘फैसिलिटी एग्रीमेंट’ हस्ताक्षरित किया गया। इस
अवसर पर सुरेंद्र लाल शर्मा, सीईओ, एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी, मकोटो उचिदा, प्रबंध कार्यकारी अधिकारी,
जेबीआईसी तथा एसजेवीएन एवं जेबीआईसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
नन्द लाल शर्मा ने वर्ष 2030 तक 25 गीगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए
एसजेवीएन की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिनमें से आधे से अधिक सोलर एवं विंड परियोजनाओं से आना तय है।
वर्तमान में जेबीआईसी द्वारा वित्तपोषित की जा रही इन दो परियोजनाओं को वर्तमान कैलेंडर वर्ष के दौरान कमीशन
किया जाना निर्धारित है तथा इनसे सालाना लगभग 450 मि.यू. विद्युत उत्पादन होगा। उन्होंने निकट भविष्य में
जेबीआईसी फाइनेंस द्वारा एसजेवीएन की ग्रीन परियोजनाओं की और अधिक फंडिंग पर बल दिया।
एक अग्रणी विद्युत क्षेत्र सीपीएसई के रूप में एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो 46,879 मेगावाट
है। कंपनी वर्ष 2023-24 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट
कंपनी होने के अपने साझा विजन को हासिल करने के लिए तीव्रता से अग्रसर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक
गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पादन करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के
अनुरूप तैयार किया गया है।
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