शिमला: केंद्रीय विद्युत सचिव आलोक कुमार ने हिमाचल प्रदेश में एसजेवीएन के भारत के सबसे बड़े भूमिगत 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन (एनजेएचपीएस) का दौरा किया। नन्दव लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन इस दौरे के दौरान उनके साथ रहे। एनजेएचपीएस, भारत के सबसे बड़े भूमिगत जलविद्युत स्टेशन के रूप में वर्ष 2003-04 से प्रचालनरत है। अपने दौरे के दौरान, केंद्रीय विद्युत सचिव आलोक कुमार ने एनजेएचपीएस, झाकड़ी में नवनिर्मित सेंट्रल रोबोटिक हार्ड कोटिंग फैसिलिटीतथा ओएंडएम वर्कशॉप का उद्घाटन किया।
नन्दए लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने सचिव को अवगत करवाया कि एनजेएचपीएससतलुज नदी में आने वाली अत्यांधिक सिल्टा की समस्याग से कुशलता से निपटते हुए वार्षिक विद्युत उत्पादन के लक्ष्यों को पार कर रहा है। इससे पहले, एनजेएचपीएसने पावर स्टेशन के महत्वपूर्ण जलमग्नए हिस्सों की सुरक्षा के लिए अपने परियोजना स्थपल पर हाई वेलोसिटी ऑक्सी फ्यूल हार्ड कोटिंग सुविधा की स्थापना कर ली थी।पूर्व में विभिन्नय पुर्जों की मरम्मत के लिए अलग-अलगवर्कशॉप थीं।एसजेवीएन प्रबंधन ने पुर्जों की मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए एक ही स्थान पर कॉमन हब स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की।तदनुसार, नई केंद्रीय रोबोटिक हार्ड कोटिंग सुविधा तथा ओएंडएम वर्कशॉप की स्थापना की गई है।इस सुविधा से पावर स्टेशन के बड़े हिस्सों की मरम्मत तथा सुगमता से परिवहन किया जा सकेगा, जिससे इन हिस्सों के सुधार प्रक्रिया में तीव्रता आएगी, जिससे वार्षिक रखरखाव के समय में भी कमी आएगी।
नन्दस लाल शर्मा ने आगे बताया कि एनजेएचपीएस देश का ऐसा पहला हाइड्रो पावर स्टेशन है जिसके पास स्वदयं की इस तरह की सुविधा है।नई कोटिंग सुविधा में लिक्विड फ्यूल कोटिंग उपकरण शामिल हैं जिसमें रोबोट और छोटे टर्नटेबल (प्रोग्रामेबल 8-एक्सिस), 40 टन क्षमता वाले बड़े टर्नटेबल/मैनिपुलेटर/कोटिंग रनर तथा अन्य बड़े घटकों के लिए पोजिशनर्स, ग्रिट रिकवरी सिस्टमके साथ ग्रिट ब्लास्टिंग उपकरण सम्मिलित हैं। गैस रिसाव डिटेक्शणन एवं अलार्म सिस्टम सहितफ्यूल/गैस आपूर्ति प्रणाली,कोटिंग प्रक्रिया के लिए अकॉस्टिक रुम और दोनों चैम्बसर के लिए डस्टं एक्स ट्रेक्शसन फिल्टर सहित ग्रिट ब्लास्टिंग आदि शामिल हैं।इस नई सुविधा की स्थापना के साथ एनजेएचपीएस में प्रचालन एवं रखरखाव के तकनीकी-वाणिज्यिक पहलुओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।इससे विद्युत उत्पादन, पीएएफ, उच्चं विश्वसनीयता, रखरखाव के समय और लागत में कमी, उच्च सिल्ट लोड क्षमता आदिमें बढ़ोत्तचरी होगी।
केंद्रीय विद्युत सचिव आलोक कुमार ने पावर हाउस और टीआरटी आउटफॉल सहित पावर स्टेशन के अन्य प्रमुख घटकों का भी निरीक्षण किया तथा प्रचालन एवं रखरखाव गतिविधियों की समीक्षा की।उन्होंने एनजेएचपीएस द्वारा की गई पहल के लिए अध्यतक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन के गतिशील नेतृत्व की सराहना की, जो पावर स्टेशन के बेहतर निष्पाणदन को सक्षम बनाता है। यह विद्युत स्टेसशन हमारे देश की एक अद्भुत इंजीनियरिंग संरचना है।