अब विद्युत नियामक आयोग करेगा सुनवाई
अब विद्युत नियामक आयोग करेगा सुनवाई, 271 करोड़ की कमी के साथ याचिका दाखिल
शिमला : राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को बिजली की दरों में बढ़ोतरी न हो इसके लिए सरकार के निर्देशों पर बिजली बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग के समक्ष संशोधित टैरिफ पेटिशन दायर कर दी है। अब नियामक आयोग जनवरी महीने में इस याचिका पर सुनवाई करेगा। इसमें बिजली बोर्ड से पूछा जाएगा कि आखिर उसने पेटिशन को संशोधित किया, तो उसके पीछे कारण क्या हैं। बोर्ड द्वारा बताए जाने वाले कारणों को जानने के बाद आयोग नए सिरे से टैरिफ पर अपना निर्णय देगा। तय है कि हिमाचल में अगले साल उपभोक्ताओं के लिए बिजली का टैरिफ नहीं बढ़ेगा। पिछले दिनों सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई बैठक के बाद बिजली बोर्ड ने अपनी संशोधित याचिका बिजली नियामक आयोग के समक्ष दायर कर दी है। बोर्ड ने अपने वार्षिक रेवेन्यू रिक्वायरमेंट की याचिका में 271 करोड़ 69 लाख रुपए की कमी का संशोधित मसौदा विद्युत नियामक आयोग को सौंपा है। इस कमी के बाद तय है कि हिमाचल प्रदेश में बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे और अगले साल या तो वर्तमान दरें ही रहेंगी या फिर इसमें और कमी हो सकती है। हालांकि सबसिडी बंद होने से लोगों को थोड़ा नुकसान जरूर होगा, मगर सरकार नहीं चाहती कि अतिरिक्त रूप से लाखों उपभोक्ताओं को महंगी बिजली पड़े।
सूत्रों के अनुसार जो रिवाइज्ड टैरिफ पेटिशन बिजली बोर्ड ने दायर कर दी है। उसके अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए उसने आयोग से 9242.28 करोड़ रुपए की बजाय एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट 8970.59 करोड़ की रखी है। इसमें सीधे-सीधे 271 करोड़ रुपए की कमी कर दी गई है। ऐसा कई कारणों से हुआ है, जिसमें सरकार द्वारा कोरपस फंड देने की बात कही है,