शिमला : उच्च शिक्षा निदेशालय ने। दक्षता निर्माण, वित्तीय प्रबंधन और शासकीय कार्यों की जानकारी देने के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल नहीं होने पर छह जिलों के स्कूल हेडमास्टरों और प्रिंसिपलों को नोटिस जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने शिविर में चयन होने के बावजूद शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों पर संज्ञान लेते हुए उनसे जवाबतलब किया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सीसीएस नियमों में कड़ी कार्रवाई के प्रति भी चेताया है।18 से 23 अप्रैल तक धर्मशाला बीएड कॉलेज में प्रशिक्षण शिविर करवाया गया था। इसमें प्रदेश के हर जिले से पांच-पांच हेडमास्टर और प्रिंसिपलों का शामिल होना अनिवार्य किया गया था।
जानकारी के अनुसार चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और मंडी जिला से निर्धारित संख्या में हेडमास्टर और प्रिंसिपल शिविर में शामिल नहीं हुए। बुधवार को इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इन छह जिलों के शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी कर प्रशिक्षण शिविर में कम संख्या में शिक्षकों के शामिल होने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उपनिदेशकों को शिविर के लिए चुने गए ऐसे हेडमास्टरों और प्रिंसिपलों से नोटिस के माध्यम से जवाब लेने के लिए कहा है जो धर्मशाला बीएड कॉलेज में नहीं पहुंचे। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि शिविर में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों के नहीं पहुंचने से जहां सरकारी धनराशि व्यर्थ हुई, वहीं शिविर भी सफल नहीं हो सका। ऐसे में जवाब मांगा गया है।
उल्लेखनीय है कि 20 वर्ष की सेवाएं पूरी कर चुके कॉलेजों में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए बीएड कॉलेज धर्मशाला में छह से 11 जून तक प्रशिक्षण शिविर होगा। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी जिले के कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसरों को शिविर में भेजने के लिए प्रिंसिपलों को चयन करने के लिए कहा गया है। छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान कैपेसिटी बिल्डिंग की जानकारी दी जाएगी। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि अगर चयनित प्रवक्ता शिविर में शामिल नहीं होते हैं तो उनकी सर्विस बुक में इस कोताही को रिकॉर्ड किया जाएगा। उनकी वार्षिक वेतन इंक्रीमेंट भी रोकी जाएगी।