शिमला: 14वीं विधान सभा के लिए नव निर्वाचित तथा प्रथम बार सदन के सदस्य बने सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर सम्बोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में विधायिका की भूमिका अहम है । पठानिया ने कहा कि कानून संसद तथा विधान सभा में बनाये जाते है जबकि उसे बनाने वाले सांसद और विधायक है । पठानिया ने कहा कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सदस्यों को बहुत कुछ सीखने को मिला है। जहां पी0 आर0 एस0 (Parliament Research Studies) विधायी शोध के वक्ताओं द्वारा संसदीय प्रणाली संवैधानिक विषयों तथा विधान सभा की आन्तरिक प्रणाली की जानकारी दी गई वहीं विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं तथा उनके उतरदायित्व व कर्तव्यों के बारे भी विस्तृत जानकारी दी गई । इसके अतिरिक्त अन्य कई विषयों जैसे कि एक विधायक कैसे सशक्त व प्रभावी हो सकता है, समितियों में क्या भूमिका होगी,वित्तिय दावे तथा विशेषाधिकार , बजट दस्तावेजों को समझना इत्यादि शामिल है। पठानिया ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से जहां विधायकों को कम से कम समय में यथार्थ बोलना, सदन के समय का सदुपयोग, सार्थक चर्चा तथा किस तरह से सदन में अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को उठाना, चर्चा से उनका समाधान करना वहीं नियमों की परिधि में रहकर अपने क्षेत्र के लोगो के सामयिक मुद्दों को उठाना तथा उसका निवारण करना चाहिए शामिल है। इस अवसर पर पठानिया ने कौंसिल चैम्बर के महत्व पर भी प्रकाश डाला ।










