शिमला : प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को उनके घर-द्वार के समीप विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करेगी और प्रत्येक चिकित्सा खंड में आधुनिक तकनीक से युक्त अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों की क्षमता 50-100 बिस्तरों की होगी और इनमें विशेषज्ञ चिकित्सक, पर्याप्त पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ डायग्नोस्टिक लैब उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि खंड स्तरीय अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण से मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ-साथ धर्मशाला, किन्नौर, बिलासपुर, ऊना, सोलन, मनाली, मंडी और कुल्लू अस्पतालों में 50 बिस्तरों की क्षमता के क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों को बेहतरीन आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों, संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवरों और सहायक कर्मचारियों के साथ पर्याप्त स्टाफ तैनात किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत हमीरपुर, टांडा, आईजीएमसी शिमला चिकित्सा महाविद्यालयों और अतिविशिष्ट चिकित्सा संस्थान चम्याणा में पांच विशेषज्ञ रोबोटिक शल्य चिकित्सा सुविधाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में चंबा, नाहन और नेरचौक चिकित्सा महाविद्यालयों में एक-एक रोबोटिक शल्य चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी। आधुनिक तकनीक युक्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 5जी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चंबा चिकित्सा महाविद्यालय में छात्रावास व टाइप-4 आवासों का निर्माण कार्य आगामी अप्रैल माह और अस्पताल खंड का निर्माण कार्य जुलाई, 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों को बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की देश के प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में एक्सपोजर विजिट भी आयोजित की जाएंगी ताकि वे इन संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ज्ञान साझा कर सकें।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, मिशन निदेशक, एनएचएम हेमराज बैरवा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी और स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में उपस्थित थे।
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