शिमला : गेस्ट टीचर पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी; आउटसोर्स आधार पर होगी भर्ती, ग्रामीण-जनजातीय क्षेत्रों में दूर होगी शिक्षकों की कमी
प्रदेश के स्कूलों में पीरियड आधार पर गेस्ट टीचर पॉलिसी को प्रदेश कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब नए साल से ये पॉलिसी लागू कर दी जाएगी। इसमें तय किया गया है कि यह भर्ती पूरी तरह से आउटसोर्स आधार पर होगी। ट्राइबल एरिया में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए गेस्ट-फैकल्टी पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। इस पॉलिसी के तहत अगले साल 2025-26 से भर्तियां शुरू होगी। प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट टीचर को 200 रुपए प्रति पीरियड, अप्पर प्राइमरी में 250 रुपए, हायर स्कूलों में 400 रुपए और सेकेंडरी स्कूलों में 550 रुपए प्रति पीरियड के हिसाब से टीचर को पैसे दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि कई बार अचानक से कोई पद खाली होता है।
किसी शिक्षक की ट्रांसफर होती है या फिर कोई रिटायर हो जाता है, तो विषय विशेष को पढ़ाने वाला कोई नहीं होता। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसी परिस्थितियों में स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य नीड बेस्ड यानी जरूरत के आधार पर गेस्ट टीचर रख सकेंगे। ये टीचर रोटेशन आधार पर रखे जाएंगे, ताकि उनका एक ही स्कूल में लंबा स्टे न हो जाए।
पहले भी बनाई थी ऐसी नीति
इससे पहले भी गेस्ट टीचर्स को लेकर एक नीति का ऐलान हुआ था। उस नीति का काफी विरोध हुआ था। इस पर सीएम सुक्खू ने कहा था कि इस मामले में सरकार के पक्ष को गलत समझा गया। दरअसल, सरकार पीरियड बेस्ट ऑवरली सिस्टम पर गेस्ट टीचर रखना चाहती थी। उस फैसले पर युवाओं का तर्क था कि यदि ऐसे ही पद भरे जाने हैं तो नेट, सेट व कमीशन आदि परीक्षाओं के लिए इतनी मेहनत करने की आवश्यकता है