शिमला : देश के पहले मतदाता 104 वर्षीय श्याम सरण नेगी ने शनिवार को संसदीय चुनाव के लिए 18वीं बार मतदान किया । जबकि आजादी के बाद से अब तक सभी चुनावों में 33वीं बार वोट था। नेगी के स्वागत के लिए मतदान केंद्र को विशेष रूप से सजाया गया। श्याम सरण नेगी को उनके घर कल्पा से सरकारी वाहन में सम्मानपूर्वक बूथ नंबर 51 पर लाया गया। मास्टर श्याम सरन नेगी मतदान करने के लिए लगभग 12 बज कर 40 मिनट पर कल्पा बूथ पर पहुंचे जहां जिला किन्नौर प्रशासन व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
जिला किन्नौर प्रशासन द्वारा श्री नेगी के स्वागत के लिए विशेष रूप से रेड कारपेट बिछाया गया था. वहीं, पारम्परिक वाद्य यंत्रों के साथ स्वागत किया गया.
मास्टर श्याम शरण नेगी के बूथ पर पहुंचने पर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त किन्नौर अपूर्व देवगन ने उनका किन्नौरी टोपी व मफलर पहनाकर स्वागत कर सम्मानित किया.
बता दें कि मास्टर श्याम शरण नेगी ने साल 1951 में पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाला था.
इस दौरान उनके पोता और पोती भी साथ रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी अपूर्व देवगन सहित प्रशासन की ओर से रेड कारपेट बिछाकर और किन्नौरी वेशभूषा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ किन्नौरी टोपी और मफलर पहनाकर उनका स्वागत किया गया।
इस दौरान उनकी पोती ने पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी। श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था। मतदान के बाद श्याम सरण नेगी ने कहा कि मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि आजादी के बाद से आज तक कोई ऐसा चुनाव नहीं है, जिसमें मेने वोट न डाला हो। मैं शुरू से ही खुशी-खुशी वोट देता आया हूं।
गौरतलब है कि उम्र ज्यादा होने की वजह से 10वीं कक्षा में न प्रवेश नहीं मिल पाया था।
श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में हुआ। 10 साल की उम्र में स्कूल गए नेगी की पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में हुई। इसके बाद पढ़ाई के लिए रामपुर गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे। नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर में ही की। उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला। मास्टर श्याम सरण नेगी ने शुरू में 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बने।
इस तरह बने थे देश के पहले मतदाता
देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए। पहले चुनाव के समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। उन्हें वोट देने का भी शौक था। उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि वोट कल्पा में था। इसलिए उन्होंने सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। वह सुबह-सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची। नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोलकर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और मास्टर श्याम सरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।