कुल्लू : हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ ने सरकार से हिमाचल प्रदेश में पिछले 15-20 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को एकमुश्त छूट देकर नौकरी देने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने सरकार से आग्रह किया कि कांग्रेस ने उनके साथ वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे परिवारों को एकमुश्त छूट देकर रोजगार मुहैया करवाया जाएगा। कुल्लू में पत्रकार वार्ता में उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को वादा याद दिलाते हुए आग्रह किया है कि अब वह प्रदेश के 3000 लोगों को नौकरी प्रदान करें।
अजय कुमार ने कहा कि इस संदर्भ में करुणामूलक संघ मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर चुका है, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संघ को आदेश दिया है कि वह एक एजेंडा तैयार करें ताकि उस एजेंडे के हिसाब से प्रदेश सरकार उस पर अमल कर सके।
इसी कड़ी में करुणामूलक संघ हर जिले में जाकर करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों को संगठित कर सुझाव ले रहा है, ताकि उन सुझावों को एक एजेंडे के तौर पर CM को सौंपा जा सके।
अजय कुमार ने बताया कि पिछली सरकार के समय करुणामूलक संघ एक लंबा आंदोलन कर चुका है। जो 432 दिनों तक चला था। इस आंदोलन का नतीजा यह निकला था कि प्रदेश में 5000 करुणामूलक नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों में से 2080 लोगों को संघ ने नौकरी उपलब्ध करवाई थी, लेकिन उसके बावजूद 3000 लोग ऐसे हैं जो अभी भी 15-20 सालों से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में कुल्लू में भी एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित लोगों ने सुझाव दिए और साथ में इन मांगों को लेकर भी मंथन किया गया। जिसमें सरकार से मांग की गई है कि करुणामूलक आधार पर नौकरी पाने के लिए जो ढाई लाख रुपए की आय सीमा निर्धारित की गई है। उसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जाए।5 फीसदी कोटे को भी हटाने की मांग
इसके साथ ही जो नौकरी के लिए पात्र व्यक्ति के परिवार के हर सदस्य की आय 62500 है, उसे पूरी तरह से हटा दिया जाए। साथ ही जो केस रिजेक्ट हुए हैं, उन्हें फिर से कंसीडर किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि 5 फीसदी कोटे की शर्त को हटाकर भी सभी को एकमुश्त लाभ दिया जाए। इस मौके पर करुणामूलक संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे