कोटगढ़ : हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में कुमारसैन उपमंडल के कोटगढ़ की जरोल पंचायत के शीलाजान में अंगीठी की गैस लगने से दो मजदूरों की मौत हो गई है. जबकि 7 बेहोश हो गए. ये मजदूर रेणुका सिरमौर क्षेत्र के बताए जा रहे हैं. 7 लोगो को बेहोशी की हालत में कोटगढ़ अस्पताल में लाया गया है जहाँ उनका इलाज चल रहा है। जबकि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए कुमारसैन अस्पताल भेजा जा चुका है। इस बारे में विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।
पुलिस थाना कुमारसैन के तहत उपतहसील कोटगढ़ के शिलाजान गांव में कोयले की गैस लगने से दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य मजदूर कोटगढ़ अस्पताल में उपचाराधीन हैं। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्जकर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस थाना कुमारसैन से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को दूरभाष पर सूचना प्राप्त हुई कि शिलाजान गांव में कोयले की गैस लगने के बाद कुछ लोगों को उपचार के लिए सीएचसी कोटगढ़ लाया गया है।
इसके बाद पुलिस थाना से करतार सिंह टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। जांच में पता चला कि अस्पताल में उपचाराधीन सभी 7 मजदूर एक ही गांव बबाई बलीच, डाकघर कोटी मधान, तहसील रेणुका, जिला सिरमौर के रहने वाले हैं। इसमें रमेश (22) पुत्र महेंद्र सिंह और सुनील (21) पुत्र दौलत सिंह, गांव चाड़ना, डाकघर भाटगढ़, तहसील रेणुका, जिला सिरमौर की मौत हो गई है। अस्पताल में उपचाराधीन मजदूर अनिल, कुलदीप, राजेंद्र चौहान, राहुल, विनोद, यशपाल और कुलदीप शामिल हैं।
ये सभी मजदूर कुलदीप मेहता निवासी गांव जब्बलपुर, डाकघर जरोल, उपतहसील कोटगढ़ के बगीचे शिलाजान में मकान निर्माण का काम कर रहे थे और यहां पर ही बने मकान के एक कमरे में रहते थे। 18 नवंबर की रात को मजदूरों ने ठंड से बचने के लिए लोहे की बाल्टी में सूखी लकड़ियों से आग जलाई थी। आग बुझने के बाद उन्होंने बाल्टी अपने कमरे में ही रख दी। इसके बाद सभी मजदूर सो गए।
19 नवंबर को जब मुंशी विष्णु बगीचे में गया तो उसने इन मजदूरों के कमरे का दरवाजा खटखटाया तो मुश्किल से विनोद और यशपाल ने उठकर दरवाजा खोला। इसके बाद उन सभी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। दोनों शवों को कुमारसैन स्थित शवगृह में रखा है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी रामपुर चंद्रशेखर कायथ ने बताया कि कोटगढ़ में दो मजदूरों की कोयले की गैस लगने से मौत हो गई है, जबकि सात अन्य मजदूर उपचाराधीन हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।