शिमला: एसजेवीएन के लिए गौरवमयी क्षण के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के भावनगर में एसजेवीएन की 200 मेगावाट सौर विद्युत परियोजना (जीयूवीएनएल चरण-XVII, खावड़ा सोलर पार्क) की आधारशिला रखी।
इस ऐतिहासिक अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री, सर्वानंद सोनोवाल, केंद्रीय श्रम और रोजगार; और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, सी. आर. पाटिल, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री, शान्तनु ठाकुर, उपभोक्ता मामले, केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से एसजेवीएन के सीएमडी भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (कार्मिक) अजय कुमार शर्मा, निदेशक वित्त (अतिरिक्त प्रभार) सिपन कुमार गर्ग, एसजीईएल के सीईओ अजय सिंह तथा एसजेवीएन और एसजीईएल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
200 मेगावाट की खावड़ा सौर विद्युत परियोजना, गुजरात के कच्छ जिले में गुजरात राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (जीएसईसीएल) द्वारा विकसित किए जा रहे खावड़ा सौर पार्क में अवस्थित है। इस परियोजना से उत्पादित विद्युत गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) को 25 वर्षों के लिए ₹2.88/यूनिट की दर से आपूर्ति की जाएगी।
इस परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 866.8 करोड़ रुपए होगी। इस परियोजना से प्रथम वर्ष में 504.92 मिलियन यूनिट बिजली और 25 वर्षों की अवधि में 11,620 मिलियन यूनिट संचयी बिजली उत्पादित होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से 25 वर्षों में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 5,69,250 टन की कमी आने की उम्मीद है। यह परियोजना 31 दिसंबर 2026 तक कमीशन होना संभावित है।
इस परियोजना की स्थापना से वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता में सहयोग होगा। इससे क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना कच्छ की विशाल बंजर भूमि का उपयोग स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए करेगी और गुजरात की नवीकरणीय ऊर्जा आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायक होगी।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एसजेवीएन, नवरत्न सीपीएसई ने 2968 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता से युक्त 14 परियोजनाएं और 123 किलोमीटर पारेषण लाइनों को कमीशन किया है। कंपनी, वर्तमान में अखिल भारत एवं पड़ोसी देश नेपाल में विद्युत परियोजनाओं का प्रचालन एवं क्रियान्वयन कर रही है।