शिमला : शिमला से पधारे प्रतिष्ठित कथाकार एस आर हरनोट के साथ उनकी किताबों और कहानियों के शीर्षकों पर सृजन सम्वाद बहुत रोचक रहा जिसकी सभागार में उपस्थित श्रोताओं ने खूब प्रशंसा की। किसी ने सोचा भी नहीं था कि “कहानियों के शीर्षक” जैसा विषय इतना महत्वपूर्ण और दिलचस्प हो सकता है। उनकी चर्चित कहानियों की किताबों और कहानियों के शीर्षकों दारोश, मिट्टी के लोग, जीनकाठी, लिटन ब्लॉक गिर रहा है, हिडिम्ब, कीलें, फ्लाई किलर, आभी, डेथ लाइव, किन्नर, नदी रंग जैसी लड़की आदि शीर्षकों के पीछे न केवल परम्परा, संस्कृति और अद्भुत कथाएं मौजूद थीं बल्कि वर्तमान समय के विमर्शित सारे विषय मौजूद थे और हैं….. जिन्हें हरनोट जी ने बहुत अच्छे ढंग से पेश किया। यह जानकारी प्रसिद्ध गीतकार और लेखक देवमणि पांडेय ने हिमाचल मीडिया को प्रेषित एक प्रैस विज्ञप्ति द्वारा दी।

उन्होंने कहा कि रविवार 16 फरवरी 2025 की शाम चित्रनगरी संवाद मंच मुम्बई की ओर से मृणालताई हाल, केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट, गोरेगांव में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रोताओं ने उनसे सवाल भी किये। हरनोट ने बताया कि कहानियों के विषय अनूठे और नए हैं जिन पर कहानियां लिखना आसान नहीं रहा। डॉक्टर मधुबाला शुक्ला ने हरनोट के परिचय में बताया कि उनकी कहानियां देश में ही नहीं विदेशों में भी पढ़ी जा रही है और निरंतर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं। 13 यूनिवर्सिटीज में उनकी कहानियों को पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जा रहा है। मधु बाला ने जानकारी दी कि हरनोट की बहु चर्चित कहानी “बिल्लियां बतियाती है” मुंबई यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जा रही है और यहां दो छात्राएं उनके साहित्य पर पीएचडी भी कर रही है। हरनोट के वाणी प्रकाशन से विश्व पुस्तक मेले में आए कहानी संग्रह ” छह लंबी कहानियां” और आधार प्रकाशन से छपी पुस्तक ” प्रतिनिधि कहानियां” का परिचय भी दिया गया।
देवमणि पांडेय ने आगे कहा कि धरोहर के अंतर्गत अभिनेता अरुण शेखर ने अज्ञेय की चर्चित कविता असाध्य वीणा को असरदार ढंग से पेश किया। कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रख्यात कवि लेखक अनूप सेठी के वक्तव्य और कविता से हुआ।
इस आयोजन में मुंबई और बाहर से पधारे बहुत से लेखक, कवि, अभिनेता और रंगकर्मी उपस्थित रहे जिनमें विभा रानी, अजित राय, विभा रश्मि, सोनाली बोस, प्रतिमा सिंह, प्रज्ञा मिश्र, अंबिका झा, शोभा स्वप्निल, पूनम विश्वकर्मा, कृष्णा बंसल, क़मर हाजीपुरी, जवाहर लाल निर्झर, ताज मोहम्मद सिद्दीक़ी, ऋषि उपाध्याय, विशु, डॉ सुमनिका सेठी, डॉ आर एस रावत, कवयित्री शोभा स्वप्निल, चंद्रकांत जोशी, पत्रकार इरफ़ान सामी और पत्रकार हरगोविंद विश्वकर्मा ने अपनी मौजूदगी से आयोजन को समृद्ध किया।