स्कूलों की तर्ज पर व्यवस्था; वित्तीय लाभ नहींं, सिर्फ सर्टिफिकेट मिलेंगे
शिमला : प्रदेश के कॉलेजों में स्कूलों की तर्ज पर शिक्षकों को अवार्ड मिलेंगे। प्रदेश कैबिनेट ने सात कॉलेज टीचर को अवार्ड देने के फैसले को मंजूरी दी है। नए सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसमें तय किया गया है कि अवार्ड पाने वाले शिक्षकों को कोई वित्तीय लाभ नहीं, बल्कि सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्कूल शिक्षकों की तर्ज पर पहली बार कॉलेज प्रवक्ताओं को भी राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसमें कॉलेजों के पांच प्रवक्ताओं और दो प्रिंसीपलों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार देने की सिफारिश की गई है।
इसमें तय किया गया है कि बीते पांच साल की एसीआर में वेरी गुड प्राप्त करने वाले प्रवक्ता और दो वर्ष की एसीआर में वेरी गुड प्राप्त करने वाले प्रिंसीपल ही आवेदन करने के लिए पात्र होंगे। वहीं, यूजी-पीजी में पढ़ाने और प्रिंसीपल के लिए दो वर्ष की नियमित सेवा अनिवार्य की है। आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। पुरस्कार के तौर पर नकद राशि नहीं दी जाएगी। विज्ञापन शॉल, टोपी और प्रमाणपत्र देकर प्रवक्ताओं और प्रिंसिपलों को स मानित किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इस योजना के तहत पहले दौर में आवेदनों की अतिरिक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी छंटनी करेगी।
पुरस्कार के लिए ऐसी है छंटनी प्रक्रिया
उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी टॉप 25 प्रवक्ताओं की छंटनी करेगी। फिर शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी चयन करेगी। शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी प्रवक्ताओं के विषयों के परिणाम,